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कॉलगर्ल

जब उसके महकमें यह बात फैली कि उनके मालिक का किसी ने गेम बजा डाला है तो हड़कंप मच गया। फिर उसने नौकरानी राधा को कहा कि पुलिस को हत्या की खबर कर दे। राधा ने तुरंत ही इंस्पेक्टर खटपटिया को कॉल जोड़ी और खून होने की खबर कर दी। किसी को मालूम नहीं था कि वह लोग एक खूनी परंपरा का एक भाग बन चुके हैं। बस अब पुलिस को पूरे मामले की सही तरीके से जांच करनी थी और पता लगाना था कि शहर में क्या हो रहा था?' ++++++

जगदीश पोपट सर के बुलेट पर पीछे बैठा था। तेज रफ्तार से खटपटिया की गाड़ी जमना पार्क सोसायटी की ओर दौड रही थी। जगदिश के मन में घमासान मचा था। दो-दो मर्डर हो चुके थे। और पते की बात ये थे कि मरने वाले वो दोनों शख्स पश्चिम बंगाल से बिलांग करते थे। यह संयोग नहीं हो सकता था। खूनी का इन लोगो से जरुर कोई रिश्ता होगा ऐसा खटपटिया को लग रहा था। क्योंकि ऐसा न होता तो खूनी क्यों एक ही स्टेट के इन्सानों को शिकार बनाता। खटपटिया वही कनेक्शन ढूंढने की कोशिश में लगा था। और वह कौन सी कडी है उसका पता लगाना जरूरी है। और तभी तो उस हत्या का भेद खोलने खुद जगदिश भी उत्साही था। दोनों ही खून आपस में जुडे हुये हो ऐसा जरुरी था।  दोनों के लिए मर्डर वेपन अलग-अलग था। लेकिन मर्डर करने वाला एक ही शख्श था जिसने कत्ल का दोनों के लिए सेम तरीका आजमाया था। पोपट सर ने अपनी पहचान छुपा के करण दास की वाइफ को तुरंत सूरत पहुंचने का फरमान जारी कर दिया था। खटपटिया को जवाब देते हुए करण दास की वाइफ ने बताया कि वह फिलहाल ट्रेन से बात कर रही थी मॉर्निंग में सूरत पहुंच जाएगी ऐसा उसका कहना था। खटपटीया ने अपनी पहचान करण के दोस्त के रूप में बताई थी इसलिए तो उसने अपनी सही-सही जानकारी दे दी थी। हालांकि खटपटिया ने करण दास की मौत की खबर सुना के श्रीमती दास की मुसाफारी खराब करना अच्छा नहीं लगा। इसलिए उन्होंने कुछ नहीं बताया। क्योंकि मुसाफिर के दौरान किसी को मौत की खबर देने का अंजाम वे अच्छी तरह जानते थे। अगर करण दास की वाइफ पश्चिम बंगाल में होती तो उन्हें जरूर इस बात की खबर दे दी गई होती कि उनके पति की हत्या कर दी गई है। बहरहाल अब वह सफर में थी तो उनका सही सलामत सूरत पहुंचना जरूरी था। जितना हो सके जल्दी पोपट खटपट या करण दास की वाइफ से मिलना चाहता था। पोपट खटपटिया को यकीन था कि इस सनसनीखेज हत्याओं के सिलसिले में उसे कोई ना कोई सुराग करण दास की बीवी के जरिए जरूर मिल जाएगा। हालांकि वह अभी तहकीकात का विषय था। ****** पोपट खटपटिया इंस्पेक्टर जगदीश के साथ करण दास के बंगले पर जा पहुंचचा। खटपटिया ने देखा कि सोफे पर प्रभावी व्यक्तित्व की मालकिन बेहद ही खूबसूरत स्त्री अपने चेहरे पर दुनिया भर का दुख लिए बैठी थी। उसके साथ सफेद कपड़ो में चार-पांच स्त्रियों और भी बैठी थी। जाहिर तौर पर करण दास की बीवी का हुलिया पहचान में खटपटिया को जरा भी तकलीफ नहीं हुई। क्योंकि खटपटिया को देखते ही वह अपने दोनों हाथ जोड़कर खड़ी हो गई थी। उनके माथे का सिन्दूर मीट चुका था। उनका रोतल चेहरा ही बता रहा था कि अपने पति के मौत की खबर उन्हें मिल चुकी थी। रो रोकर उनकी आँखे सूझ चुकी थी। अपने पति को आखिरी वक्त न मिल पाने का अफसोस उसकी आंखों में साफ-साफ झलक रहा था। पोपट सर को देखते ही उन्होंने अपना मुंह छुपा कर दिल दहला देने वाला आक्रंद किया। खटपटिया उनके पास जाकर बोला। "मेंम, मैं आपकी मनः स्थिति समझ सकता हूँ। इस वक्त आप पर क्या बीत रही होगी इसका अंदाजा मुझे है। क्योंकि मैं भी अपना एक अंगत स्वजन खोया है। न जाने कितनी रातों तक मैं सोया नहीं था। जीना बहुत ही मुश्किल हो गया था मेरा। लेकिन जीना पड़ता है मेंम, अपनी स्थिति को आधिन होकर वर्तमान को स्वीकार करना पड़ता है।" इंस्पेक्टर जगदीश ने देखा कि खटपटिया बहुत ही भावुक  हो गया था। एक कठोर अफसर में बहुत ही नरम दिल इंसान को वह देख रहा था। आपसे इस बात के लिए माफी चाहूंगा कि सफर के दौरान आपके पति की मौत की खबर सुन कर आपको लंबे समय के लिए मानसिक डिप्रेशन में डालना नहीं चाहता था। "अपने पति के आखिरी समय में मैं उनके पास नहीं थी सर!" उनकी आवाज पूरी तरह भीग चुकी थी। पति की गैर मौजूदगी उन्हें बहुत ही खल रही थी। फिर भी अपना कर्म याद आते ही खटपटिया बोल उठा। "बुरा ना मानो तो आपसे कुछ जानकारी चाहिए थी। मानता हूं यह समय बिल्कुल उचित नहीं था मगर क्या करूं ड्यूटी इस ड्यूटी, करनी तो पड़ेगी ही। उन्होंने अपना आंसुओं से भरा हुआ चेहरा ऊपर उठाया। और खटपटिया कुर्सी लगाकर उनके सामने बैठ गया। "मैंम... आपको जितना पूछूं उतनी बात का साफ-साफ उत्तर दोगे तो मेरे लिए बेहतर होगा। क्योंकि आपके पति का मर्डर करने वाला केवल वहां रुक नहीं है बल्कि उसने तुरंत ही अपने दूसरे शिकार को मौत के घाट उतार दिया है। और शायद....' खटपटिया कुछ कहते-कहते रुक गया। और एक लंबी सांस लेकर बोल उठा। "अच्छा यह बताओ कि तुम बंगाल जाने वाले थे यह बात कौन-कौन जानता था?" "सर, मुझे जब भी कहीं जाना होता है तो यह बात सिर्फ उनके अलावा किसी को पता नहीं होती। यहां तक की उनके डायमंड यूनिट में भी मेरी अनुपस्थिति की वजह से किसी को कुछ फर्क नहीं पड़ता था इसलिए किसी को बताने का सवाल ही नहीं करता था।" "मगर आपको बताना चाहूंगा कि खूनी ने आपकी यही कमजोरी का फायदा उठाया है। वह अच्छी तरह जानता था और उसने तुम्हारी आज उपस्थित का ही फायदा उठाया है।" "बंगाल छोड़े हुए तुम्हें कितना वक्त हुआ, याद करके सही-सही बताओ जरा।" करण दास की वाइफ ने कुछ देर सोच कर बताया। "तकरीबन आठ साल हुए!" जगदीश ने खटपटिया की नजरों से नजरे मिलाई। "उसे वक्त आपकी शादी हो गई थी?" "नहीं, इंगेजमेंट हुआ था उनके सूरत आने के बाद दूसरे साल मेरा ब्याह हुआ।" उनकी बात सुनकर खटपटिया गहरी सोच में पड़ गया। उसकी परेशानी पर बल पड़ गए।

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3 Comments

Varsha_Upadhyay

30-Sep-2023 10:20 PM

Nice one

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HARSHADA GOSAVI

30-Sep-2023 07:07 AM

Awesome part

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Gunjan Kamal

28-Sep-2023 07:59 AM

👏👌

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